
✍️अजीत बस्ती (खोजी)✍️
बस्ती-उत्तर प्रदेश
करोड़ों रुपये कमाने वाले नर्सिंग होम/ निजी अस्पताल, प्रति वर्ष लाखों रुपये फीस लेने वाले निजी स्कूल/कॉलेज, जेब ढीली करने वाले रेस्तरां/होटल बिना पर्याप्त पार्किंग के भ्रष्टाचार की नींव पर खड़े हो गए। इनके पास पार्किंग नहीं है पर आपकी जेब काटने के लिए व्यवस्था है। अब शायद पार्किंग शुल्क कौन देगा ? निजी अस्पताल नर्सिग होम कि चिकित्सक अथवा मरीजों के परिजन, स्कूल कालेजो के प्रबंधक अथवा अभिभावक, व्यवसाय चलाने वाले व्यवसायी अथवा ग्राहक,कोई भी व्यवस्था हो जो पैसे वाला है। उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। पार्किंग शुल्क भी शायद हम सभी सामान्य लोग ही देंगे। क्योंकि हम सबकी गर्ज है . पर चर्चा इस पर भी होनी चाहिए। उसने बिना पार्किंग के नर्सिंग होम अस्पताल क्यों बनाया। बिना पर्याप्त पार्किंग के स्कूल कॉलेज क्यों बनाया? व्यावसायिक कॉम्पलेक्स क्यों बनाया और जब पार्किंग ही नहीं है तो उससे पूछा जाये कि लोग गाड़ी खड़ी कहाँ करेंगे।